एक बार फिर देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण स्कूली शिक्षा पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। पिछले 1 साल से देशभर के स्कूल-कॉलेज बंद हैं और हर जगह Online Education मोड से ही पढ़ाई पूरी की गई। करीब करीब सभी राज्यों में 10वीं और 12वीं की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। कोरोनावायरस ने देश के 10 राज्यों में बोर्ड परीक्षाओं को किस तरह प्रभावित किया है।
हालांकि इससे पहले बिहार राज्य बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं बीते फरवरी में आयोजित कराई थीं, जिसका रिजल्ट बोर्ड ने पिछले दिनों जारी कर दिया. जिस वक्त बोर्ड ने परीक्षा आयोजित की थीं, उस वक्त देश में कोरोना के मामले काफी कम थे। राजस्थान में बोर्ड, यूपी बोर्ड, छत्तीसगढ़ बोर्ड, पंजाब बोर्ड, हरियाणा बोर्ड, केरल बोर्ड, हिमाचल प्रदेश बोर्ड ने केंद्र शिक्षा मंत्रालय के आदेश अपनी बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी।
इतना ही नहीं कुछ राज्यों में जनवरी-फरवरी 2021 से परीक्षा की तैयारी के लिए स्कूल (School) खुलने लगे थे लेकिन कोरोना के बढ़ते कहर के बीच उन्हें फिर से बंद करने का आदेश आ गया। कुछ राज्यों में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखकर स्कूलों को बंद रखने और शैक्षणिक सत्र (New Academic Session 2021-22) को देर से शुरू करने का आदेश पारित कर दिया गया है।
कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते पिछले वर्ष देश भर में बच्चों की शिक्षा पर पड़े असर पर संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की एक सर्वे रिपोर्ट भी सामने आई है। 3 मार्च 2021 को जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में तकरीबन 15 लाख स्कूलों को बंद करने से भारत में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के 24.7 करोड़ बच्चे प्रभावित हुए। साथ ही लगभग 16.8 करोड़ बच्चे पिछले 1 साल से एक भी दिन स्कूल नहीं जा पाए।
UNICEF Report on Indian Education रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना महामारी के दौरान देश में चार में से एक बच्चे के पास ही डिजिटल उपकरण और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए भारत में ऑनलाइन शिक्षा सभी के लिए एक विकल्प नहीं है। हालांकि ये कहना गलत नहीं होगा कि फिर लॉकडाउन से शिक्षक, अभिभावक और छात्र छात्राओं के मन मस्तिष्क पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।