CBSE यानी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए बड़ा बदलाव किया है। CBSE ने 2021-22 सत्र की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं के लिए विशेष मूल्यांकन योजना घोषित की इसके तहत 2021 बैच के लिए बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी. नई योजना के साथ सीबीएसई स्कूलों में पढ़ाई के तौर-तरीकों से लेकर परीक्षा प्रणाली तक बदल जाएगी।
टर्म-1 के एग्जाम
टर्म-1 की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में होंगी। परीक्षा में मल्टीपल चॉइस प्रश्न (MCQ Type) पूछे जाएंगे। केस आधारित और असर्शन आधारित सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा का समय 90 मिनट होगा जिसमे सिर्फ टर्म-1 के सिलेबस के आधार पर ही सवाल पूछे जाएंगे। टर्म-1 में हासिल हुए अंकों को फाइनल स्कोर में जोड़ा जाएगा।
टर्म-2 का पैटर्न
टर्म-2 के एग्जाम मार्च-अप्रैल, 2022 में होंगे. इस परीक्षा का समय 2 घंटे का होगा। इसमें कई तरह के सवाल पूछे जाएंगे केस आधारित, सिचुएशन बेस्ड, ओपन एंडेड, शॉर्ट व लॉन्ग आंसर टाइप सवाल पूछे जाएंगे। अगर किसी वजह से परीक्षा की स्थिति नहीं बनती है तो साधारण MCQ टाइप 90 मिनट की परीक्षा होगी।
इंटरनल असेसमेंट
टर्म-1 और टर्म-2 से अलग पूरे साल भर में नौवीं-10वीं के लिए 3 पीरियोडिक टेस्ट, स्टुडेंट इनरिचमेंट, पोर्टफोलियो, प्रेक्टिकल वर्क, प्रोजेक्ट और स्पीकिंग लिसनिंग एक्टिविटी के आधार पर मूल्यांकन होगा। 11वीं और 12वीं के लिए यूनिट या टॉपिक टेस्ट, प्रेक्टिकल्स और प्रोजेक्ट के आधार पर मूल्यांकन होगा।
ख़बरों की माने तो अंकों का उचित निर्धारण निश्चित करने के लिए बोर्ड द्वारा घोषित दिशा-निर्देशों और मॉडरेशन नीति के अनुसार आंतरिक मूल्यांकन / प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट कार्य को अधिक विश्वसनीय और वैध बनाने का प्रयास किया जाएगा। बोर्ड अधिक विश्वसनीय और वैध आंतरिक मूल्यांकन के लिए सैंपल असेसमेंट, क्वेश्चन बैंक, टीचर्स ट्रेनिंग आदि जैसे अतिरिक्त संसाधन भी प्रदान करेगा।