आज विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय और देश के प्रधानमंत्री जी स्कूली बच्चों के बीच परीक्षा पर चर्चा के छठे संस्करण पर देश भर के स्कूली छात्र छात्रा से मुखातिब हो रहे है। इस चर्चा का मूल उद्देश्य बच्चो के दिलो दिमाग से परीक्षा के भय को समाप्त करना है, बच्चे परीक्षा में बिलकुल तनावमुक्त होकर सम्मिलित हो।
यह कार्यक्रम स्कूली शिक्षा एवम साक्षरता विभाग द्वारा प्रतिवर्ष बोर्ड परीक्षा के पूर्व आयोजित किया जाता है जिसमे बच्चे सीधे देश के प्रधानमंत्री से अपने मन में चल रहे सवालों का जवाब पाते है दिलचस्प बात यह रहती है की इस कार्यक्रम में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री एक शिक्षक को भूमिका में होते है।
परीक्षा पे चर्चा के 6वें संस्करण में प्रश्नों के दौर के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी की रणनीति के बारे में कक्षा 10 और 12 के छात्रों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जैसे कि नकल और अनुचित प्रथाओं से कैसे बचा जाए, और क्या यह कठिन है। काम बेहतर है या स्मार्ट वर्क। इतना ही नहीं, पीएम ने इस बात पर भी चर्चा की कि खासकर खराब नतीजों से निराश माता-पिता और परिवार से कैसे निपटा जाए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माता-पिता को यह समझने की जरूरत है कि उन्हें कथित उच्च सामाजिक स्थिति के कारण उच्च अंकों की मांग नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे छात्रों के मन में सीधे तौर पर निराशा का डर पैदा होगा जो बदले में उन्हें परेशान कर सकता है।
पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा 2023 के 6 वें संस्करण में कहा कि परीक्षाओं के दौरान समय प्रबंधन महत्वपूर्ण है। एक सप्ताह में आप जो कुछ भी करते हैं, उसे नोट करें, अपनी समय सारिणी का विश्लेषण करें और फिर ट्रैक करें कि किस विषय पर अधिक समय चाहिए या फोकस कर सकते हैं।
ऐसे में इस कार्यक्रम को हरेक वैसे बच्चे जिन्हे प्रतियोगी परीक्षाओं और बोर्ड की परीक्षाओं में सम्मिलित होना है, उन्हें जरूर सुनना चाहिए। कार्यक्रम काफी प्रेरणादाई है।
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