पटना उच्च न्यायालय ने पिछले साल राज्य भर के प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी स्कूलों में बिहार शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले सभी लोगों को अपने पहले के आदेश को संशोधित करते हुए 1,25,000 शिक्षकों की भर्ती पर रोक हटाकर बड़ी राहत दी है.
दरअसल पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकार की धारा 34 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 1.25 लाख शिक्षकों की भर्ती पर रोक हटा दी.
विकलांगों को मिला 4% आरक्षण और 15 दिन का समय
नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण और आवेदन करने के लिए 15 दिन का समय देने की मांग को स्वीकार कर लिया. इसके बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। इसके आधार पर शिक्षकों की बहाली की जाएगी.
बताते चलें एजी ललित किशोर, एएजी पीके वर्मा और सरकार की ओर से पेश वकील शिल्पा सिंह ने अदालत को अवगत कराया कि उसने सभी त्रुटियों को ठीक कर दिया है और नेत्रहीन लोगों सहित विकलांग व्यक्तियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण की अनुमति दी है और 15 दिनों का समय दिया है. शर्तों के अधीन नए आवेदन जमा करना.