फैशन डिजाइनिंग और फुटवियर डिजाइनिंग इस इंडस्ट्री में स्कोप में स्टूडेंट्स के लिए कई करियर के बेहतरीन विकल्प हैं। देश के कई संस्थान फैशन डिजाइनिंग और फुटवियर डिजाइनिंग में अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स करवाते हैं। डिजाइनिंग क्षेत्र में आजकल देश-विदेश की बड़ी कंपनियां सक्रिय हैं। इन्हीं कारणों से इस क्षेत्र में करियर के विकल्प भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
आज के समय में भारत कम लागत वाले डिज़ाइनिंग वेअर बनाने वाले प्रमुख देशों में शुमार है। भारत में मल्टीनेशनल कंपनियां जैसे बाटा, लखानी, एक्शन, सुपरहाउस और लिबर्टी के साथ-साथ नाइक, रीबॉक, वुडलैंड, ली-कूपर रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं। फुटवियर डिजाइनिंग के अलावा कुछ लोग ज्वैलरी डिजाइनिंग तो कुछ लोग हैंडबैग डिजाइनिंग में करियर बनाना पसंद करते हैं।
योग्यता मानक
अभ्यार्थी अगर इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। तो उन्हें 12वीं यानी इंटर पास होना जरूरी है। इसके बाद वे अपने पसंद के अनुसार Leather Designing में Graduate, FashionTechnology में B.Tech/Diploma, Shoe Designing इसके अलावा पेपर कटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं।
ये सभी कोर्स एक साल से लेकर तीन साल तक के होते हैं। डिजाइन में स्नातक, फुटवियर टेक्नोलॉजी में B.Tech, फुटवियर टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा, जूता डिजाइनिंग और पैटर्न कटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स, जूते डिजाइन और उत्पादन में सर्टिफिकेट कोर्स, चमड़े के सामान और सहायक उपकरण में डिप्लोमा आदि कोर्स कर सकते हैं।
करियर मानक
फैशन टेक्नोलॉजी में बी.टेक/एम.टेक लेवल के कोर्स केवल साइंस या इंजीनियरिंग के छात्र ही कर सकते हैं। फुटवियर डिजाइनिंग से संबंधि कोर्स में छात्रों को डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस और मटेरियल की जानकारी दी जाती है। जिससे ये फुटवियर डिजाइन करते समय उसे पहनने वाले के कम्फर्ट, एस्थेटिक्स, सेफ्टी, सपोर्ट और मजबूती का ध्यान रख सकें।
कोर्स करने के बाद उम्मीदवारों के सामने करियर के कई विकल्प होते हैं जिनमें से किसी एक में वे आगे बढ़ सकते हैं। इस फील्ड के प्रोफेशनल्स की डिमांड रिसर्च एंड डेवलपमेंट, डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, सेल्स एंड मार्केटिंग, क्वालिटी कंट्रोल और मैनेजमेंट जैसे डिपार्टमेंट्स में तेजी से बढ़ रही है।
डिजाइनिंग क्षेत्र में कई नेशनल और इंटरनेशनल कंपनियां काम करती है। कोर्स पूरा करने के बाद युवाओं के सामने करियर के कई विकल्प होते हैं। इन प्रोफेशनल्स की यहां पर डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, डिमांड रिसर्च एंड डेवलपमेंट, सेल्स एंड मार्केटिंग, क्वालिटी कंट्रोल जैसे कई डिपार्टमेंट्स में काम करने का मौका मिलता है।
सैलरी
इस क्षेत्र में डिजाइनर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है ,जिसकी शुरुआती सैलरी 25 से 30 हजार रुपए प्रतिमाह होती है। कुछ वर्षो के कार्य अनुभव के बाद आपको प्रतिमाह लाखों रुपये की सैलरी मिल सकती है।
इतना ही नहीं युवा किसी भी शू-मेकिंग कंपनी के साथ जुड़कर शू डिजाइनर, एक्सेसरीज डिजाइनर, फुटवियर प्रोडक्ट डेवलपर, फुटवियर तकनीशियन, फैशन इलस्ट्रेटर, रिटेल स्टोर मैनेजर, ट्रेड एनालिस्ट, प्रोडक्शन मैनेजर और क्वालिटी इंस्पेक्टर जैसे पद पर कार्य कर सकते हैं।