जेईई मेन में प्रवेश के लिए अधिकतर संस्थानों में 12वीं कक्षा में 75% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है. यह नियम एनआईटी, आईआईआईटी और अन्य कई प्रतिष्ठित संस्थानों पर लागू होता है.
75% प्रतिशत पर्सेन्टेज अनिवार्य
इन संस्थानों में दाखिला करवाने के लिए पात्रता नियमों के मुताबिक वही विद्यार्थी काबिल होंगे जिनमें 12वीं में कम से कम 75% मार्क्स है. इसके अतिरिक्त संबंधित बोर्ड एग्जाम में टॉप 20 परसेंटाइल उम्मीदवारों में से भी एक व्यक्ति को आपको भी यह अवसर मिलेगा. जेईई मेन्स 2025 के लिए उम्मीदवारों को 12वीं में कम से कम 75 प्रतिशत नंबर लाने होंगे. जबकि जेईई एडवांस्ड के लिए जेईई मेंस की मेरिट लिस्ट में टॉप 250000 में आना जरूरी है.
क्यों है यह नियम?
गुणवत्ता सुनिश्चित करना: इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जो छात्र जेईई मेन की परीक्षा दे रहे हैं, उनकी मूलभूत समझ मजबूत हो.
प्रतियोगिता का स्तर बढ़ाना: यह नियम प्रवेश प्रक्रिया को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाता है.
एनडीए ने फिलहाल इस नियम में किसी भी प्रकार के संशोधन की पुष्टि नहीं की है. ध्यान देने वाली बात है, कि देश के तमाम NIT व IIT संस्थानों और केंद्र के फंड से चलने वाले विभिन्न टेक्निकल इंस्टिट्यूट में दाखिला JEE मेंस के स्कोर से होता है.
JEE एडवांस्ड के जरिए IIT में दाखिल
JEE मेंस पेपर एक अंडरग्रैजुएट इंजीनियरिंग प्रोग्राम जैसे कि एनआईटी, आईआईटी, में कोर्सेज बीई, बीटेक और अन्य केंद्रीय वित्तपोषित तकनीकी संस्थान सीएफटी में बीटेक, बीई प्रवेश के लिए NTA द्वारा आयोजित की जाती है.
JEE मेंस परीक्षाएं समाप्त हो जाने के बाद दोनों सत्रों के बेस्ट एनडीए स्कोर के आधार पर स्टूडेंट की रैंक जारी की जाती है. जेईई मेंस परिणाम में पहले 2,50,00 रैंक हासिल करने वाले परीक्षार्थी JEE एडवांस्ड टेस्ट के लिए आवेदन करने के योग्य होते हैं. JEE एडवांस्ड के जरिए IIT में दाखिला मिलता है. आईआईटी एंट्रेस JEE एडवांस्ड भी वही दे सकेगा जिसके 12वीं में कम से कम 75% अंक होंगे या फिर संबंधित बोर्ड एग्जाम में टॉप 20 परसेंटाइल उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम होगा.